परिवर्तन प्रकृति का एक मूल गुण है जिसे हम हर क्षण अनुभव करते है, संपूर्ण सृष्टि के कण कण में परिवर्तन है, तो क्या है यह परिवर्तन? क्या है जो अपरिवर्तनीय है? कैसे परिवर्तन के नियम के ऊपर उठा जा सकता है? इन्ही सब प्रश्नो पर हम आज मनन करेंगे।
परिवर्तन को समझने के लिए हमें नाद को समझना आवश्यक है। नाद एक सबसे सरल मौलिक परिवर्तन मात्र है जो दो स्थितियों में पाया जाता है, परिवर्तन के लिए दो स्थितियों का होना आवश्यक है, परिवर्तन एक स्थिति में कभी पाया नहीं जाता, जब नाद एक स्थिति से दूसरे स्थिति में परिवर्तित हो जाता है या ये कहें की उसमें बदलाव आता है तो उसे हम परिवर्तन कहते हैं।